Friday, 27 September 2013

निदेशक डाक लेखा कार्यालय में हिंदी पखवाड़ा संपन्न |


                 ( श्री आर. के . पाल उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए )



(हिंदी पखवाड़े के विजेता प्रतिभागी पुरूस्कार प्राप्ति पश्च्यात प्रसन्नचित मुद्रा में )





    कार्यालय निदेशक ( डाक लेखा) उत्तर प्रदेश परिमंडल, लखनऊ में हिंदी पखवाड़ा 2013 कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनांक 14 सितम्बर 2013 से 27 सितम्बर 2013 तक निबन्ध,भाषण प्रतियोगिता,टिपण्णी/
प्रारूप लेखन, बाल काव्य पाठ आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विजेता प्रतिभागियों सहित भाग लेने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सम्मान माननीय निदेशक महोदया श्रीमती अपराजिता शर्मा अतीक द्वारा 27 सितम्बर 2013 को किया गया। इस अवसर पर निदेशक महोदया ने बताया कि हिंदी अत्यधिक व्यवस्थित, सरल व लचीली भाषा होने के साथ साथ सांस्कृतिक धरोहर एवं एकता की मजबूत कड़ी भी है। उन्होंने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं कर्मचारियों से अधिक से अधिक कार्य हिंदी भाषा में करने पर बल दिया। हिंदी पखवाड़ा 2013 के समापन समारोह का नेतृत्व श्री आर. के. पाल, वरिष्ठ लेखाधिकारी, प्रशासन एवं राजभाषा  द्वारा  किया गया। श्री आर. के. पाल जी  ने श्री प्रदीप  कुमार पाण्डेय, वरिष्ठ लेखाकार (हिंदी प्रभारी) का पखवाड़े के सफल आयोजन हेतु आभार व्यक्त किया |

2 comments:

  1. 1.
    हिन्दी मेरा इमान है
    हिन्दी मेरी पहचान है
    हिन्दी हूँ मैं वतन भी मेरा
    प्यारा हिन्दुस्तान है
    2.
    हिन्दी की बिन्दी को
    मस्तक पे सजा के रखना है
    सर आँखो पे बिठाएँगे
    यह भारत माँ का गहना है
    3.
    बढ़े चलो हिन्दी की डगर
    हो अकेले फिर भी मगर
    मार्ग की काँटे भी देखना
    फूल बन जाएँगे पथ पर
    4.
    हिन्दी को आगे बढ़ाना है
    उन्नति की राह ले जाना है
    केवल इक दिन ही नहीं हमने
    नित हिन्दी दिवस मनाना है
    5.
    हिन्दी से हिन्दुस्तान है
    तभी तो यह देश महान है
    निज भाषा की उन्नति के लिए
    अपना सब कुछ कुर्बान है
    6.
    निज भाषा का नहीं गर्व जिसे
    क्या प्रेम देश से होगा उसे
    वही वीर देश का प्यारा है
    हिन्दी ही जिसका नारा है
    7.
    राष्ट्र की पहचान है जो
    भाषाओं में महान है जो
    जो सरल सहज समझी जाए
    उस हिन्दी को सम्मान दो
    8.
    अग्रेजी का प्रसार भले
    हम अपनी भाषा भूल चले
    तिरस्कार माँ भाषा का
    जिसकी ही गोदि में हैं पले
    9.
    भाषा नहीं होती बुरी कोई
    क्यों हमने मर्यादा खोई
    क्यों जागृति के नाम पर
    हमने स्व-भाषा ही डुबोई
    10.
    अच्छा बहु भाषा का ज्ञान
    इससे ही बनते है महान
    सीखो जी भर भाषा अनेक
    पर राष्ट्र भाषा न भूलो एक
    11.
    इक दिन ऐसा भी आएगा
    हिन्दी परचम लहराएगा
    इस राष्ट्र भाषा का हर ज्ञाता
    भारतवासी कहलाएगा
    12.
    निज भाषा का ज्ञान ही
    उन्नति का आधार है
    बिन निज भाषा ज्ञान के
    नहीं होता सद-व्यवहार है
    13.
    आओ हम हिन्दी अपनाएँ
    गैरों को परिचय करवाएँ
    हिन्दी वैज्ञानिक भाषा है
    यह बात सभी को समझाएँ
    14.
    नहीं छोड़ो अपना मूल कभी
    होगी अपनी भी उन्नति तभी
    सच्च में ज्ञानी कहलाओगे
    अपनाओगे निज भाषा जभी
    15.
    हिन्दी ही हिन्द का नारा है
    प्रवाहित हिन्दी धारा है
    लाखों बाधाएँ हो फिर भी
    नहीं रुकना काम हमारा है
    16.
    हम हिन्दी ही अपनाएँगे
    इसको ऊँचा ले जाएँगे
    हिन्दी भारत की भाषा है
    हम दुनिया को दिखाएँगे

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  2. Thanx Mr. Shankar Chandra for ur valuable comment..

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